Festival

Amavasya kab hai | अमावस्या कब है 2023 | अमावस्या क्या है

2023 Amavasya kab hai :- साल 2022 खत्म होने के बाद साल 2023 की शुरुआत हो चुकी है और इसी के साथ 2023 में अमावस्या की शुरुआत भी होने वाली है। पूरे भारत में अमावस्या की बहुत ही मान्यता है। अमावस्या हर साल हर महीने में एक बार होती है। नए साल में अमावस्या कब कब है (Amavasya kab hai) यह जानना हिंदू धर्म के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है तो इस लेख में हम जानेंगे की अमावस्या क्या है, अमावस्या कितने प्रकार का होता है,

2023 मे अमावस्या कब कब है, Amavasya January 2023, Amavasya February 2023, Amavasya March 2023, Amavasya April 2023, Amavasya May 2023, Amavasya June 2023, Amavasya July 2023, Amavasya August 2023, Amavasya September 2023, Amavasya October 2023, Amavasya November 2023, Amavasya December 2023, कुल मिलाकर अमावस्या क्या है और अमावस्या 2023 में कब कब है और उससे के क्या उपाय हैं यह सभी महत्वपूर्ण जानकारी इस लेख में दी जाएगी यह लेख आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाली है इस लेख को लास्ट तक जरूर पढ़ें।

इस महीने की अमावस्या कब है ( mauni amavasya kab hai)

Amavasya January 2023 में फाल्गुन अमावस्या कब है। यह जानना ज़रूरी है क्योंकी भारत में इसकी बहुत मान्यता है। नवंबर 2023 में कार्तिका अमावस्या 13 नवंबर 2023, सोमवार को । 13 नवंबर 2023, सोमवार को सुबह 7 बजकर 11 मिनट से अमावस्या आरम्भ और 13 नवंबर 2023, सोमवार को 10 बजकर 5 मिनट पर अमावस्या समाप्त है।

यह भी पढ़ें :- चाँद धरती से कितना दूर है

अमावस्या क्या है (Amavasya kya hai?)

अमावस्या क्या है हिंदू लोगों के लिए यह जानना काफी जरूरी है। भारत में अमावस्या का बहुत ही ज्यादा मान्यता है। भारत में अमावस्या हिंदू पंचांग के अनुसार महीने के 30वें दिन कृष्ण पक्ष के अंतिम तिथि को होता है। अमावस्या के दिन भारत में रहने वाले और हिंदू धर्म के लोगों के जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण दिन होता है। प्रत्येक महीने की अमावस्या के दिन कोई ना कोई पर्व जरूर मनाया जाता है। हिंदू धर्म के पंचांग में अमावस्या इसलिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि अमावस्या के दिन चंद्रमा को नहीं देखा जा सकता है अमावस्या के दिन चंद्रमा दिखाई नहीं देता है।

इसका मुख्य कारण यह है कि चंद्रमा पृथ्वी का एक पूर्ण चक्कर 28 दिनों में लगाता है। चंद्रमा एक चक्कर 28 दिनों में लगाता है इसके वजह से चंद्रमा 15 दिनों तक पृथ्वी के दूसरे ओर होता है। चंद्रमा को पृथ्वी के दूसरे और होने की वजह से चंद्रमा को भारतवर्ष में 15 दिनों तक नहीं देखा जाता है। चंद्रमा धीरे-धीरे दूसरी और चला जाता है जिस दिन चंद्रमा पूर्ण रूप से भारतवर्ष में दिखाई नहीं देता है उस दिन को अमावस्या का दिन माना जाता है।

ग्रंथों के अनुसार अमावस्या को पित्रों (पित्रपख) का दिन माना गया है यानी कि जो बड़े बुजुर्ग का स्वर्गवास हो गया है उनका दिन अमावस्या का दिन माना जाता है। अमावस्या के दिन भोजन करने से पहले अपने पित्रों को भोजन अर्पित कर देना चाहिए ऐसा करने से आपको पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। अमावस्या के दिन हिंदू ग्रंथों में एवं हिंदू शास्त्रों में बहुत ही मान्यता है और अमावस्या के दिन के लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण दिन होता है।

Amavasya kab hai 2023?

अमावस्या प्रत्येक वर्ष हर महीने हिंदू पंचांग के अनुसार 30वें दिन कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को होता है। वर्ष 2023 में भी अमावस्या प्रत्येक महीने में होगी। अमावस्या की शुरुआत हिंदू पंचांग के माघ महीने से शुरू हो रहा है जो 2023 का पहला अमावस्या 21 जनवरी 2023 शनिवार से शुरू होगा और 2023 का लास्ट अमावस्या मार्गशीर्ष अमावस्या 12 दिसंबर 2023 मंगलवार को होगा निचे Amavasya 2023 का List दिया गया है।

Amavasya 2023 List

1 Amavasya January 2023माघ अमावस्या – 21 जनवरी 2023, – शनिवार को
2 Amavasya February 2023फाल्गुन अमावस्या 20 फरवरी 2023, सोमवार को
3 Amavasya March 2023चैत्र अमावस्या मार्च, 21, 2023, मंगलवार को
4 Amavasya April 2023वैशाख अमावस्या 19 अप्रैल 2023, बुधवार को
5 Amavasya May 2023ज्येष्ठ अमावस्या 19 मई 2023, शुक्रवार को
6 Amavasya June 2023आषाढ़ अमावस्या 17 जून 2023, शनिवार को
7 Amavasya July 2023श्रावण अमावस्या 17 जुलाई 2023, सोमवार को
8 Amavasya August 2023श्रावण अधिक अमावस्या 16 अगस्त 2023, बुधवार
9 Amavasya September 2023भाद्रपद अमावस्या 14 सितंबर 2023, गुरुवार को
10 Amavasya October 2023अश्विनी अमावस्या 14 अक्टूबर 2023, शनिवार को
11 Amavasya November 2023कार्तिका अमावस्या 13 नवंबर 2023, सोमवार को
12 Amavasya December 2023मार्गशीर्ष अमावस्या 12 दिसंबर 2023, मंगलवार को
Amavasya 2023 List

अमावस्या कितने होते हैं?

अमावस्या सूर्य और चंद्रमा के मिलन का काल होता है सूर्य और चंद्रमा आवश्यक दिन एक ही राशि में होते हैं। अमावस्या प्रत्येक महीने में एक बार होते हैं और साल में 12 महीनों में 12 अमावस्या होते हैं। जिनमें से आठ अमावस्या का नाम होता है जैसे – सोमवती अमावस्या, भौमवती अमावस्या, मौनी अमावस्या, शनि अमावस्या, महालय अमावस्या, हरियाली अमावस्या, दिवाली अमावस्या, कुशग्रहणी अमावस्या, और बाकी बचे हुए अमावस्या का नाम जिस दिन अमावस्या होता है उस वार के नाम के अनुसार होता है।

सोमवती अमावस्या

सोमवती अमावस्या सोमवार को पढ़ती है इसलिए उसे सोमवती अमावस्या करते हैं। किस दिन महिलाओं को व्रत रखने से चंद्र का दोष दूर होता है। महिलाओं को अपने पति के लंबी उम्र के लिए सोमवती अमावस्या व्रत रखना चाहिए।

मौनी अमावस्या

मौनी अमावस्या हिंदू पंचांग के माघ महीने में शुरू होता है इसलिए इसे मौनी अमावस्या कहा जाता है। मौनी अमावस्या से ही साल की पहली अमावस्या शुरू होती है। मौनी अमावस्या के दिन गंगा तट पर स्नान और दान करने का बड़ा महत्व है।

भौमती अमावस्या

भौमती अमावस्या मंगलवार के दिन पढ़ने के वजह से भौमती अमावस्या कहते हैं। भौम का मतलब मंगल होता है। भौमती अमावस्या करने से कर्ज से छुटकारा मिलता है।

शनि अमावस्या

शनि अमावस्या शनिवार को पड़ने के वजह से शनि अमावस्या कहलाती है। शनि अमावस्या का व्रत रखने से सनी का दोष दूर होता है।

महालय अमावस्या

महालय अमावस्या को पितृक्ष (पित्रपक्ष) अमावस्या भी कहते हैं महालय अमावस्या पूर्वजों का दिन कहलाता है। महालय अमावस्या के दिन अन्न दान और तर्पण करने से माना जाता है कि पूर्वज प्रसन्न होते हैं।

हरियाली अमावस्या

हरियाली अमावस्या हिंदू पंचांग के श्रावण माह में होती है। हरियाली अमावस्या को भारत के विभिन्न राज्यों में विभिन्न नाम से जाना जाता है महाराष्ट्र में गटारी अमावस्या तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में चुक्कला वही उड़ीसा में चित्र लागी अमावस्या कहा जाता है। हरियाली अमावस्या के दिन वृक्षारोपण कार्य बहुत ही शुभ माना जाता है। हरियाली अमावस्या का दिन पूर्वजों के शांति के लिए पूजा अनुष्ठान भी किए जाते हैं।

दिवाली अमावस्या

दिवाली अमावस्या हिंदू पंचांग के कार्तिक मास के दिन होते हैं। दिवाली अमावस्या के दिन ही दीपावली पर्व मनाया जाता है। दिवाली अमावस्या के दिन दीपोत्सव मनाया जाता है और घर द्वार में दीप जलाया जाता है। दिवाली अमावस्या का रात और दिन सबसे घनी होती है। दिवाली अमावस्या माता काली से जुड़ी हुई है। दिवाली अमावस्या के दिन लक्ष्मी पूजा भी बहुत ही महत्वपूर्ण है। माना जाता है कि माता काली और माता लक्ष्मी का जन्म इसी दिन हुआ था। दिवाली अमावस्या के दिन दीपावली पर्व पूरे भारतवर्ष में बहुत ही धूमधाम और खुशी के साथ मनाया जाता है।

कुशग्रहणी अमावस्या

कुशग्रहणी अमावस्या कुश को एकत्रित करने की वजह से कुशग्रहणी अमावस्या कहां जाता है। पुराने ग्रंथों में कुशग्रहणी अमावस्या को कुशोत्पाटिनी अमावस्या भी कहा गया है। कुशग्रहणी अमावस्या (Amavasya) के दिन श्री कृष्ण और देवी दुर्गा की पूजा आराधना की जाती है। कुशग्रहणी अमावस्या के दिन को पिथौरा अमावस्या भी कहा जाता है।

प्रत्येक महीने में एक अमावस्या होती है यानी कि 1 साल में 12 अमावस्या होती है। इनमें से आठ अमावस्या (Amavasya) का नाम बताया गया है इसके अलावा बचे हुए अमावस्या (Amavasya) का दान और स्नान का महत्व है। और उन सभी अमावस्या का नाम जिस वार को वह अमावस्या पड़ती है उसी वार के नाम से जानी जाती है। बचे हुए अमावस्या (Amavasya) का नाम 12 माह के किसी भी नाम पर पड़ सकते हैं

अमावस्या के दिन क्या करें क्या न करें (amavasya ke din kya Karen kya Na Karen)

  • जिस दिन अमावस्या हो उस दिन शारीरिक संबंध से दूर रहें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • अमावस्या के दिन पड़ोसी या किसी के घर भोजन ना करें किसी दूसरे के घर भोजन करने से बचें।
  • अमावस्या के दिन किसी से मारपीट झगड़ा या अपशब्द भाषा का प्रयोग ना करें।
  • अमावस्या के दिन सुबह सुबह उठकर सूर्य नमस्कार करें और भगवान विष्णु की पूजा पाठ करें।
  • जिस दिन अमावस्या हो उस दिन शरीर पर किसी भी प्रकार का तेल का प्रयोग ना करें या मालिश ना करें।
  • चंद्र दोष से जो लोग परेशान है वह गाय को दही और चावल खिलाएं।
  • अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष में पानी डालकर पूजा करें और उसकी परिक्रमा करें।
  • अमावस्या के दिन नाखून या बाल या घर में किसी भी प्रकार का शुभ कार्य न करें।
  • अमावस्या के दिन किसी भी प्रकार का मांस या मदिरा शराब नही खरीदें।
  • अमावस्या के दिन घर में किसी भी शुभ कार्य, गृह प्रवेश मुंडन या शादी विवाह ना करें।
  • अमावस्या के दिन नया झाड़ू नहीं खरीदें उस दिन झाड़ू खरीदने से मां लक्ष्मी नाराज होती है।
  • अमावस्या के दिन गेहूं का आटा का खरीदारी नहीं करना चाहिए यह अशुभ माना जाता है।

FAQs?

Q. इस महीने की अमावस्या कब है?

Ans – 21 जनवरी 2023, – शनिवार को

Q. अमावस्या कितने होते हैं?

Ans – महीने में एक बार और साल में 12 महीनों में 12 अमावस्या होते हैं

Q. मौनी अमावस्या कब है?

Ans – 21 जनवरी 2023, शनिवार को

Q.अमावस्या के दिन क्या होता है?

Ans – अमावस्या के दिन चंद्रमा दिखाई नहीं देता है

Q. Amavasya January 2023 कब है?

Ans – माघ अमावस्या – 21 जनवरी 2023, – शनिवार को

Q. Amavasya February 2023 कब है?

Ans – फाल्गुन अमावस्या 20 फरवरी 2023, सोमवार को

Q. Amavasya March 2023 कब है?

Ans – चैत्र अमावस्या मार्च, 21, 2023, मंगलवार को

Q. Amavasya April 2023 कब है?

Ans – वैशाख अमावस्या 19 अप्रैल 2023, बुधवार को

Q. Amavasya May 2023 कब है?

Ans – ज्येष्ठ अमावस्या 19 मई 2023, शुक्रवार को

Q. Amavasya June 2023 कब है?

Ans – आषाढ़ अमावस्या 17 जून 2023, शनिवार को

Q. Amavasya July 2023 कब है?

Ans – श्रावण अमावस्या 17 जुलाई 2023, सोमवार को

Q. Amavasya August 2023 कब है?

Ans – श्रावण अधिक अमावस्या 16 अगस्त 2023, बुधवार को

Q. Amavasya September 2023 कब है?

Ans – भाद्रपद अमावस्या 14 सितंबर 2023, गुरुवार को

Q. Amavasya October 2023 कब है?

Ans – अश्विनी अमावस्या 14 अक्टूबर 2023, शनिवार को

Q. Amavasya November 2023 कब है?

Ans – कार्तिका अमावस्या 13 नवंबर 2023, सोमवार को

Q. Amavasya December 2023

Ans – मार्गशीर्ष अमावस्या 12 दिसंबर 2023, मंगलवार को

Conclusion

तो दोस्तों आशा करता हूं आपको बसंत पंचमी कब है?,अमावस्या क्या है? (Amavasya kab hai) तिथि के बारे में अच्छे से जानकारी मिल गई होगी अगर यह पोस्ट अच्छा लगा होगा और यह पोस्ट पढ़ने के बाद आप भी अमावस्या क्या है?(Amavasya kya hai) अमावस्या के बारे में जान गए होंगे Amavasya kab hai और भी अधिक जानकारी के लिए आप हमें कमेंट भी कर सकते हैं इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद All THE BEST जय हिंद जय भारत

यह भी पढ़ें :- नदियों के उद्गम स्थल एवं मुहाना

Rate this post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button