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हस्त रेखा ज्ञान चित्र सहित – Hast Rekha Gyan In Hindi

Hast Rekha Gyan (हस्त रेखा ज्ञान चित्र सहित) : हस्त रेखा का ज्ञान (hast rekha ka gyan) ज्योतिष शास्त्र के अंतर्गत काफी महत्वपूर्ण एवं विशेष महत्व दिया गया है। एवं हस्तरेखा शास्त्र सामुद्रिक शास्त्र और भारतीय ज्योतिष का एक अंग है। वर्तमान समय में ज्योतिष शास्त्र का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है। ज्योतिष शास्त्र का प्राचीन काल से ही महत्व रहा है।

वर्तमान समय में ही नहीं बल्कि प्राचीन काल से ही जिस व्यक्ति को हस्त रेखाओं (Hast Rekha ka gyan) का ज्ञान होता था वह व्यक्ति हस्तरेखा की सहायता से किसी भी व्यक्ति की वर्तमान भविष्य एवं भूत काल में घटने वाली घटनाओं का सटीक अनुमान लगा सकता था। किसी भी व्यक्ति के हाथों पर खींचे हुए हर रेखाएं उसके भविष्य वर्तमान तथा भूत से संबंधित रहस्य को अपने आप में समाहित किए हुए रहता है। आपके एवं हमारे या किसी भी व्यक्ति के जीवन से संबंधित प्रत्येक हो चुकी या फिर होने वाली घटना की जानकारी उसकी खींची हुई हस्त रेखाओं में शामिल रहता है।

भारत देश में हस्तरेखा ज्ञान (hast rekha gyan in hindi) का बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण स्थान है। भारत देश में हस्तरेखा ज्ञान पर बहुत ही सारे पुस्तके लिखी गई है। भारत में हस्तरेखा की दुनिया में बहुत बड़े-बड़े ज्योतिषाचार्य मौजूद हैं जिसमें सबसे जाने-माने ज्योतिषाचार्य कीरो cheiro का नाम आता है। और भारत में हस्त रेखा ज्ञान (hast rekha ka gyan) पर अधिकतर पुस्तकें उन्ही के द्वारा ही लिखी गई है।

हस्त रेखा ज्ञान चित्र सहित

किरो के द्वारा ही भारत में सर्वप्रथम भविष्य की गणना वैज्ञानिक रूप से प्रारंभ किया गया था। वर्तमान समय में भारत के महान से महान ज्योतिष शास्त्र के ज्ञानी भी किरो को आज भी अपना आदर्श एवं गुरु मानते हैं। महाभारत काल से पराशर मुनि, महर्षि वेदव्यास के पिता, हस्तरेखा ज्ञान के प्रमुख जनक माने जाते हैं। उन्हें महाभारत काल के एक महान ऋषि और ज्योतिषी माना जाता है।

अगर आप अभी हस्तरेखा देखना इतना चाहते हैं. हस्तरेखा देखने में दिलचस्पी रखते हैं तो आप भी एक अच्छे हस्तरेखा विशेषज्ञ माध्यम से हस्तरेखा से संबंधित ज्ञान सीख सकते हैं। हस्त रेखा का ज्ञान सिखने के बाद आप भी अपनी या फिर किसी भी, व्यक्ति के हाथ की रेखाएं उसके भाग्य, स्वास्थ्य, प्रेम जीवन, संतान, विवाह, व्यापार, शिक्षा आदि के संबंध में जानकारी प्रदान कर सकती हैं। यदि आप भी हस्त रेखा का ज्ञान (hath ki rekha gyan in hindi with picture) देखने या सिखने में दिलचस्पी रखते हैं तो आज के इस लेख में आपको हस्त रेखा का ज्ञान (Hast Rekha Gyan), हस्तरेखा देखने का तरीका, बताया गया है जिसे आप पढ़कर आसानी से जान सकते हैं. हस्त रेखा ज्ञान हिंदी (hastrekha gyan hindi) लेख को अंतत जरूर पढ़ें ताकि आप भी हस्त रेखा ज्ञान चित्र सहित (Hast Rekha Gyan with Pictures) आसानी से सीख जाएं।

Hast Rekha Gyan Video

हस्त रेखा का ज्ञान (Knowledge of palm)

Palmistry in hindi with Pictures: हस्तरेखा ज्ञान एक प्राचीन ज्योतिष शास्त्र है जिसमें हाथ की रेखाओं का अध्ययन करके व्यक्ति के भाग्य, स्वास्थ्य, व्यक्तित्व और जीवन के विभिन्न पहलुओं की भविष्यवाणी की जाती है। हस्तरेखा विज्ञान के तहत हाथ की रेखा से आधार पर भविष्य वर्तमान या भूत काल में होने वाली घटनाओं को अनुमान लगाया जा सकने वाला ज्ञान होता है। तथा हाथ की उंगलियों के बनावट के आधार पर किसी भी व्यक्ति के स्वभाव व्यक्तित्व कार्यक्षेत्र, हस्तरेखा के आधार पर ही सिद्ध होता है। किसी भी व्यक्ति के हथेलियों में मुख्य रूप से सात बड़ी सात छोटी हस्त रेखाएं शामिल होती है।

जिसमें हृदय रेखा मस्तिष्क रेखा भाग्य रेखा मुख्य होती है इसके अलावा 7 बड़ी रेखाएं भी होती है जिसमें हृदय रेखा जीवन रेखा मस्तिष्क रेखा भाग्य रेखा स्वास्थ्य रेखा, शुक्र मुद्रिका, सूर्य रेखा शामिल है। इसके अतिरिक्त भी साथ छोटी रेखाएं शामिल है जिसमें मंगल रेखा, विवाह रेखा, निकृष्ट रेखा, चंद्र रेखा, शामिल है। तथा इसके अलावा तीन मणिबंध रेखाएं होती हैं जो हाथ के कलाई और हथेली की जड़ पर होती है। इन हस्तरेखा ज्ञान के अनुसार, व्यक्ति के हाथ की रेखाएं उसके भाग्य, स्वास्थ्य, प्रेम जीवन, व्यापार, शिक्षा आदि के संबंध में जानकारी प्रदान कर सकती हैं। इसके अलावा, हस्तरेखाएं व्यक्ति के व्यक्तित्व, कर्म, मस्तिष्किय क्षमता और आयु के संबंध में भी संकेत देती हैं।

हस्त रेखा देखने का तरीका

हस्त रेखा में हाथ की रेखाओं को देखने के लिए निम्नलिखित तरीके का प्रयोग किया जाता है।

  1. दीपक (light Method): इस तकनीक में, हाथ को एक दीपक की रौशनी में रखा जाता है। इससे हाथ की रेखाओं की स्पष्टता बढ़ती है और उन्हें पढ़ने में सहायता मिलती है।
  2. हाथ के फोटोग्राफ (Hand Photography): कई बार हाथ की फोटोग्राफ खींचकर उसे ज्योतिषियों को भेजी जाती है जिससे उन्हें हस्तरेखाओं को ध्यान से पढ़ने की सुविधा होती है।
  3. बार चार्ट (Bar Chart Method): इस तकनीक में, हाथ की रेखाएं बार चार्ट या रेखा चार्ट की मदद से देखी जाती हैं। इसमें रेखाएं विभिन्न क्षेत्रों में वर्गीकृत की जाती हैं और उनके आकार, स्थिति और दिशा का विश्लेषण किया जाता है।
  4. विवेकपूर्ण दृष्टि: हस्तरेखाओं को ध्यान से देखें और उन्हें समझने की कोशिश करें। बारीकी से देखें, गहराई से देखें और विवेकपूर्ण दृष्टि बनाए रखें।

मुख्य रेखाओं की पहचान (Identification of Major Lines)

हस्तरेखाओं में कुछ मुख्य रेखाएं होती हैं जैसे हृदयरेखा, मस्तिष्करेखा, भाग्य रेखा, विवाह रेखा, संतान रेखा, विद्या रेखा, यात्रा रेखा, स्वास्थ्य रेखा, सूर्य रेखा, शुक्र मुद्रिका, मंगल रेखा, चंद्र रेखा, निकृष्ट रेखा, जीवनरेखा आदि होते हैं। इन मुख्य रेखाओं को पहचानने के लिए हाथ को ध्यान से देखा जाता है (hast rekha gyan in hindi with picture)। इन सभी रेखाओं के बारे में संपूर्ण जानकारी दी गई है।

1. ह्रदय रेखा (Heart Line)

हृदय रेखा हस्तरेखा ज्ञान में एक मुख्य रेखा है जो हाथ के मध्य में दिखाई देती है। इसे अंग्रेजी में “Heart Line” कहा जाता है। सबसे छोटी उंगली जिसे कनिष्का कहा जाता है उस उंगली से नीचे से निकल कर तर्जनी उंगली के बीच तक जाता है। हृदय रेखा के माध्यम से, ज्योतिषियों और हस्तरेखा विशेषज्ञों को व्यक्ति के प्रेम जीवन, संबंध, विवाह, वफादारी, सामरिकता आदि के बारे में जानकारी प्राप्त हो सकती है।

हृदय रेखा जितनी लंबी होती है वह व्यक्ति उतना ही सरल लोकप्रिय तथा मृदुभाषी होता है। जिन लोगों की ह्रदय रेखा छोटी होती है वह व्यक्ति चिड़चिड़ा असंतुष्टि, शंकालु, कठोर, होते हैं। और किसी भी व्यक्ति पर जल्दी विश्वास नहीं करते हैं। हृदय रेखा के माध्यम से, ज्योतिषियों और हस्तरेखा विशेषज्ञों को व्यक्ति के प्रेम जीवन, संबंध, विवाह, वफादारी, सामरिकता आदि के बारे में जानकारी प्राप्त हो सकती है।हाथ की हृदय रेखा अलग-अलग व्यक्तियों में विभिन्न रूपों और प्रकारों में दिख सकती है।

2. मस्तिष्क रेखा (Mind Line)

मस्तिष्क रेखा, हस्तरेखा ज्ञान में दूसरी महत्वपूर्ण रेखा होती है जो हाथ की उँगलीयों के बीच से शुरू होती है और मस्तिष्क की ओर जाती है। मस्तिष्क रेखा की शुरुआत तर्जनी उंगली के नीचे से होती हुई बाहर के किनारे की ओर बढ़ती जाती है। मस्तिष्क रेखा को अंग्रेजी में “Head Line” कहा जाता है। मस्तिष्क रेखा हाथ की तलवे के पास से शुरू होती है और हृदय रेखा और जीवन रेखा के बीच में स्थित होती है। मस्तिष्क रेखा शुरुआत में जीवन रेखा से जुड़ी हुई होती है लेकिन या कभी सीधी तो कभी नीचे की तरफ होती है।

जिस व्यक्ति की मस्तिष्क रेखा जितनी लंबी होती है उस व्यक्ति का मानसिक संतुलन और बुद्धिमानी उतना ही अधिक होता है। और ऐसे व्यक्ति अपने भाग्य की अपेक्षा नहीं करते बल्कि वह मेहनत पर अधिक विश्वास रखते हैं और अपनी मेहनत से अपने मुकाम को हासिल करते हैं। तथा इसके जस्ट उल्टा छोटी मस्जिद रेखा वाले मेहनत से ज्यादा अपने भाग्य और अंधविश्वास पर ज्यादा भरोसा करते हैं। और कोई भी निर्णय बहुत जल्दबाजी में लेते हैं और बाद में अफसोस करते हैं। मस्तिष्क रेखा मस्तिष्क की क्षमता, सोचने की प्रक्रिया, विचारशक्ति, संयम, क्रियाशीलता और न्याय संबंधी योग्यताओं के बारे में संकेत देती है। हाथ की मस्तिष्क रेखा अलग-अलग व्यक्तियों में विभिन्न रूपों और प्रकारों में दिख सकती है।

3. भाग्य रेखा (Fate Line)

भाग्य रेखा हस्त रेखा ज्ञान में एक और महत्वपूर्ण रेखा है जो हाथ की कलाई से शुरू होती है और हृदय रेखा और मस्तिष्क रेखा के बीच में स्थित होती है। भाग्य रेखा प्रत्येक व्यक्ति के हाथों में नहीं होती है। इसे अंग्रेजी में “Fate Line” कहा जाता है। भाग्य रेखा जितनी अधिक सब फर्स्ट एवं साफ रूप से होती है उस व्यक्ति का जीवन उतना ही सुगम एवं सुख में होता है एवं वह व्यक्ति बहुत ही भाग्यशाली भी होता है।

वहीं जिन व्यक्तियों के हाथों में भाग्य रेखा अस्पष्ट यानी साफ नहीं दिखाई देती है टूटी हुई होती है. उन व्यक्तियों का जीवन काफी संघर्ष भरा रहता है। एवं जिन व्यक्तियों के हाथों में भाग्य रेखा नहीं होता है वह व्यक्ति बहुत ही मेहनती एवं कर्म वादी होते हैं उन्हें अपने मेहनत और अपने कर्म पर विश्वास होता है।भाग्य रेखा को मनोवैज्ञानिक रूप से “कर्म रेखा” भी कहा जाता है, क्योंकि इसे व्यक्ति के कर्म, प्रगति, व्यापार, सफलता, धन, उच्चता और भाग्य संबंधी मामलों के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए उपयोग किया जाता है।

4. विवाह रेखा (Marriage Line)

विवाह रेखा हस्तरेखा ज्ञान में एक अन्य महत्वपूर्ण रेखा है जो हाथ की हृदय रेखा के नीचे स्थित होती है। विवाह रेखा विवाह, प्रेम जीवन, संबंधों और साथीत्व संबंधी मामलों के संकेत के लिए देखी जाती है। विवाह रेखा को प्रेम रेखा भी कहा जाता है। किसी भी व्यक्ति के हाथों में विवाह रेखा की संख्या के आधार पर ही उस व्यक्ति के कितने प्रेम संबंध होते हैं यह पता लगाया जा सकता है। अगर विवाह रेखा चुटिया कटी दिखाई देती है तो विवाह होने में कठिनाइयों की संभावना होती है।

यह रेखा व्यक्ति के वैवाहिक जीवन, साथी के साथ बनी सुखी और संगठित जीवनसंगति के बारे में जानकारी प्रदान करती है। हाथों में विवाह रेखा अगर सूर्य पर्वत की ओर जा रही प्रतीत होती है या पहुंच गई है तो उस व्यक्ति का विवाह समृद्ध और संपन्न, अमीर, परिवार में होने की संभावना होता है। यदि किसी भी व्यक्ति के दोनों हाथों में विवाह रेखा एक जैसा होता है तो इन दोनों का वैवाहिक जीवन बहुत ही खुशहाली भरा होता है। एवं लड़ाई झगड़ा होने की बहुत ही कम संभावना होती है। तथा सामंजस्य बना रहता है और दोनों एक दूसरे को काफी अच्छे से समझते हैं। विवाह रेखा जितनी साफ दिखाई देती है उस व्यक्ति का रिश्तो में उतना ही प्रेम और महत्व होता है।

5. संतान रेखा (Child Line)

संतान रेखा, हस्तरेखा ज्ञान में एक और महत्वपूर्ण रेखा है जो हाथ की हृदय रेखा के नीचे स्थित होती है। इसे अंग्रेजी में “Children Line” कहा जाता है। संतान की रेखा विवाह रेखा के अंत में ऊपर की ओर जाते हुए दिखती हुई प्रतीत होती है।संतान रेखा मातृत्व, पितृत्व, पालन-पोषण, संतान सुख, और वंशावली के संबंध में जानकारी प्रदान करने के लिए देखी जाती है। संतान रेखा विवाह रेखा पर सीधी एवं खड़ी रेखा पुत्र प्राप्ति की संकेत देती है।

वही उसके विपरीत टेढ़ी-मेढ़ी रेखा पुत्री प्राप्ति के संकेत देती है। व्यक्ति की संतान रेखा जितनी अधिक स्पष्ट एवं साफ उभरी हुई दिखाई देती है उस इंसान के द्वारा उसके संतान के प्रति अधिक प्रेम एवं सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। स्पष्ट रूप से दिखाई देने वाले संतान रेखा के कारण और किसी एक संतान से अधिक स्नेह प्यार और लगाव होता है।संतान रेखा के माध्यम से, हस्तरेखा विशेषज्ञ व्यक्ति के संतान संबंधी मामलों, पालन-पोषण की क्षमता, आनंद, जन्म संख्या, स्वास्थ्य, वंशावली, पारिवारिक समृद्धि और अन्य जीवन के पहलुओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

6. विद्या रेखा (Learning Line)

विद्या रेखा, हस्तरेखा ज्ञान में महत्वपूर्ण रेखा है जो हाथ की पंक्ति में स्थित होती है। विद्या रेखा की शुरुआत अनामिका और मध्यमा उंगली के बीच से होती है। विद्या रेखा अनामिका उंगली की ओर झुकी हुई होती है।यह रेखा व्यक्ति की शिक्षा, ज्ञान, बुद्धि, अध्ययन क्षेत्र, विद्यालयी योग्यता और संबंधित क्षेत्रों के बारे में जानकारी प्रदान करती है। जिन व्यक्तियों के हाथों में विद्या रेखा होती है वह गरीब होते हुए भी अच्छी शिक्षा प्राप्त करते हैं और उनकी बुद्धिमानी और ज्ञान उनकी सफलता प्राप्त करने के लिए अधिक होती है।

वहीं अगर किसी व्यक्ति के हाथों में विद्या रेखा पर क्रॉस का निशान हो तो वह व्यक्ति पढ़ाई में बहुत ही कमजोर होता है और उसकी शिक्षा पूरी नहीं होती है। हाथ की विद्या रेखा के माध्यम से, व्यक्ति की शिक्षा और ज्ञान की क्षमता, संगठन करने की क्षमता, विद्यालयी उपलब्धियां, संशोधन क्षेत्र में सफलता, उच्च शिक्षा की योग्यता और विद्यार्थी जीवन के संबंधी मामलों का अध्ययन किया जा सकता है।

7. यात्रा रेखा (Travel Line)

हस्तरेखा ज्ञान में, यात्रा रेखा भी एक महत्वपूर्ण रेखा है जो हाथ की ऊँची पंक्ति में स्थित होती है। यह रेखा व्यक्ति की यात्राओं, परिवहन, यात्रा संबंधी अनुभवों और भ्रमण क्षेत्र के बारे में जानकारी प्रदान करती है। यात्रा दिखा व्यक्ति के हथेली पर 3 स्थानों पर मौजूद होती है। पहला यात्रा रेखा चंद्र क्षेत्र पर मौजूद होती है। और दूसरा यात्रा रेखा मणिबंध से शुरू होकर ऊपर की ओर जाती हुई दिखती है।

तीसरा यात्रा रेखा जीवन रेखा से होते हुए निकल आया उसी के सहारे चलने वाली रेखाएं तीसरी यात्रा रेखा होती है। यदि यात्रा रेखा ऊपर की ओर जाती हुई दिखती है तो आपके यात्रा में वृद्धि होती है एवं यात्रा रेखा भाग्य रेखा एक में मिलकर अधिक गहरी खो जाने पर यात्रा के समय उनके यात्रा में उन्नति होती है एवं सफलतापूर्वक यात्रा संपन्न होती है। हाथ की यात्रा रेखा के माध्यम से, व्यक्ति की यात्राओं की संख्या, यात्रा के लक्ष्य, सफलता, यात्रा का आनंद, प्राथमिकताएं, यात्रा संबंधी संयम और अन्य तत्वों का अध्ययन किया जा सकता है।

8. स्वास्थ रेखा

स्वास्थ्य रेखा, हस्तरेखा ज्ञान में सबसे छोटी उंगली कनिष्का से प्रारंभ होकर हथेली की नीचे की ओर जाती हुई प्रतीत होती है। स्वास्थ्य रेखा व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी प्रदान करती है।यदि हस्तरेखा पर स्वास्थ्य रेखा गहरी, स्पष्ट और अच्छी रेखाएं दिखाती है, तो यह व्यक्ति की मजबूत स्वास्थ्य, ऊर्जा, और आरोग्य को दर्शाती है। वहीं अगर उसके विपरीत स्वास्थ्य रेखा स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देती है तो व्यक्ति के स्वास्थ्य और ऊर्जा खराब होती है।

9. मंगल रेखा

मंगल रेखा हस्तरेखा ज्ञान Hast Rekha Gyan में वह रेखा है जो हाथ की ऊपरी पंक्ति पर स्थित होती है। इसे मंगल रेखा कहा जाता है क्योंकि इसे मंगल ग्रह की प्रतीकता माना जाता है। मंगल रेखा जीवन रेखा तथा अंगूठे के बीच से निकलती है एवं मंगल पर्वत तक जाती है। मंगल रेखा व्यक्ति के शौर्य, साहस, ऊर्जा, सेना योग्यता, स्वाधीनता और व्यवसायिक उद्यम के साथ जुड़ी होती है। यदि मंगल रेखा स्पष्ट, गहरी और अच्छी तरह से बनी होती है, तो यह व्यक्ति के धैर्य, साहस, नेतृत्व क्षमता और युद्ध प्रवृत्ति को दर्शाती है। और वह व्यक्ति बुद्धिमान होता है और अपने लक्ष्य के प्रति बहुत ही जुझारू रहता है और अपने कार्यों को सोच समझकर करता है तथा सोचे गए कार्य को संपूर्ण करके ही रहता है। यह रेखा व्यक्ति के योग्यता और उद्यम को प्रभावित कर सकती है।

10. शुक्र मुद्रिका

शुक्र मुद्रिका हस्तरेखा ज्ञान के अनुसार, हाथ की ऊपरी पंक्ति में स्थित एक विशेष रेखा होती है। इस रेखा को शुक्र मुद्रिका या शुक्र रेखा कहा जाता है। शुक्र मुद्रिका कनिष्का और अनामिका के मध्य से शुरू होती है एवं यह और अनामिका के बीच में चंद्राकार रूप में होती है। शुक्र मुद्रिका को शुक्र ग्रह की प्रतीकता माना जाता है और इसे व्यक्ति के प्रेम, संबंध, विवाह, कला, सौंदर्य, शौक, रोमांटिक प्रवृत्ति, सामरिक कला और अभिनय संबंधित मामलों के साथ जोड़ा जाता है। ज्योतिष शास्त्र में, शुक्र मुद्रिका की स्थिति और प्रभाव को व्यक्ति के वैवाहिक जीवन, प्रेम संबंध, साहित्यिक योग्यता, और कला संबंधित क्षेत्रों पर प्रभाव डालने के लिए उपयोग किया जाता है।

11. चंद्रलेखा रेखा

चंद्रलेखा हस्तरेखा ज्ञान (Hast Rekha Gyan) में एक रेखा है जो हाथ की ऊपरी पंक्ति पर स्थित होती है। इसे चंद्रलेखा कहा जाता है क्योंकि इसे चंद्रमा की प्रतीकता माना जाता है। चंद्रलेखा रेखा कनिष्का और अनामिका के बीच से होकर नीचे निबंध तक जाती हुई दिखती है। चंद्रलेखा व्यक्ति के भावनात्मक स्वरूप, मनोवृत्ति, कल्पना, संवेदनशीलता और कला संबंधी पहलुओं के साथ जुड़ी होती है। चंद्रलेखा रेखा का आकार धनुषकार होता है। चंद्रलेखा की मान्यता है कि यदि यह गहरी, स्पष्ट और अच्छी तरह से बनी होती है, तो यह व्यक्ति की आत्मिकता, संवेदनशीलता, कल्पना और कला संबंधी प्रवृत्ति को दर्शाती है।

12. सूर्य रेखा

सूर्यरेखा (Sun Line) हाथ की एक मुख्य रेखा है जो हाथ की पंजा में सुर्य मंडल में स्थित होती है। सूर्यरेखा हस्त की उंगलीयों के नीचे से शुरू होती है और हृदय रेखा (heart line) के पास जाकर समाप्त होती है। इस रेखा को सूर्यरेखा कहा जाता है क्योंकि इसे सूर्य के प्रभाव के साथ जोड़ा जाता है। सूर्य रेखा व्यक्ति के जीवन में उसके सफलता को दर्शाता है। लोग मानते हैं कि जब सूर्यरेखा हथेली पर स्पष्ट और मजबूत होती है, तो यह व्यक्ति को सम्पदा, यश और स्वास्थ्य के संकेत के रूप में दिखाई देती है। सूर्यरेखा के माध्यम से, व्यक्ति के धन, स्वास्थ्य, स्थायित्व, शोहरत, शास्त्रीय योग, सम्पत्ति, उच्चता और प्रतिष्ठा जैसे विभिन्न पहलुओं का मूल्यांकन किया जा सकता है।

हस्त रेखा देखने से पहले महत्वपूर्ण बातें:

  • हस्त रेखा ज्ञान में विज्ञान के अनुसार हमेशा पुरुष का दाया हाथ तथा महिला का बाया हाथ की हस्तरेखा को देखना चाहिए।
  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हस्तरेखा प्रातः काल (सूर्योदय के पहले के समय) में नहीं देखना चाहिए।
  • ज्योतिष शास्त्र के विद्वानों के अनुसार हाथ की रेखा को दोपहर या रात के समय नहीं देखना चाहिए।
  • ज्योतिष शास्त्र के विद्वानों के अनुसार हाथ की रेखा देखते समय मन शांत एवं दिमाग ठंडा रखना चाहिए ताकि हाथ की हथेलियों पर उथल-पुथल का प्रभाव ना पड़े।
  • हस्तरेखा देखते समय यह भी ध्यान देना चाहिए कि खाना खाने या किसी कार्य करने के बाद तुरंत हाथ की रेखा नहीं दिखाएं क्योंकि खाना खाने के बाद या किसी और प्रकार के कार्य करने के बाद रक्त के प्रवाह अधिक हो जाती है और इसी कारण से हाथ की रेखाएं स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देती है।
  • हस्तरेखा ज्ञान को समझने के लिए उचित निष्कर्ष निकालने की कोशिश करें, लेकिन इसे अत्यधिक महत्व न दें। हस्तरेखाएं केवल एक दिशा मार्ग है।

FAQ – Hast Rekha Gyan

1. हाथ में नौकरी की रेखा कौन सी है?

अगर हाथ में गुरु पर्वत पर किसी भी तरह की लकीर दिख रही है तो यह नौकरी के आसार है.

2. सबसे अच्छी रेखा कौन सी होती है?

हृदय रेखा को सबसे जरूरी माना जाता है

3. कौन सा हाथ आपकी जीवन रेखा दिखाता है?

हस्त रेखा में प्रमुख हाथ ( आमतौर पर दाहिने हाथ )

4. हस्तरेखा शास्त्र को अन्य किस नाम से जाना जाता है?

हस्तरेखा शास्त्र को काइरमैन्सी नाम से भी जाना जाता है।

5. हस्तरेखा कला की शुरुआत कहां हुई?

हस्तरेखा कला की शुरुआत भारत से हुई

Conclusion

तो दोस्तों आशा करता हूं आपको हस्त रेखा ज्ञान चित्र सहित (Hast Rekha Gyan) के बारे में अच्छे से जानकारी मिल गई होगी अगर यह पोस्ट अच्छा लगा होगा और यह पोस्ट पढ़ने के बाद आप भी हस्त रेखा का ज्ञान Hast Rekha Gyan In Hindi with Picture जान गए होंगे और भी अधिक जानकारी के लिए आप हमें कमेंट भी कर सकते हैं इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद All THE BEST जय हिंद जय भारत

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